आर्य समाज की स्थापना किसने की | arya samaj ki sthapna kisne ki

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले है। आर्य समाज की स्थापना किसने की (arya samaj ki sthapna kisne ki) के बारे में आपको हम आज आर्य समाज के बार में सारी जानकारी बताने वाले है। जैसे – आर्य समाज की स्थापना किसके द्वारा की गयी थी। आर्य समाज की स्थापना कब हुई। आर्य समाज की स्थापना कहाँ पर की गयी थी। आर्य समाज के लोगो की क्या खास बात है। ऐसी ही आर्य समाज के बारे में जरूरी जानकारी आपको हम आज के इस ब्लॉग आर्य समाज की स्थापना किसने की (arya samaj ki sthapna kisne ki) में आपको हम देने वाले है।

दोस्तों बहुत बार परीक्षा में आर्य समाज की स्थापना किसने की (arya samaj ki sthapna kisne ki) के बारे में पूछा जाता है। Student को आर्य समाज के बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण बहुत सारे Student परीक्षा में नहीं लिख पाते है। यदि आप चाहते है, की आपको आर्य समाज की स्थापना किसने की (arya samaj ki sthapna kisne ki) के इस ब्लॉग की सारी जानकारी के बारे में पता चल सके तो आप हमारे साथ में बने रहिये।

आर्य समाज के बारे में

आर्य समाज को एक हिन्दू सुधर आंदोलन माना जाता है। जिसका प्रारम्भ करने का उद्देश्य हिन्दू धर्म को सुधारने के लिए किया गया था। आर्य समाज के लोगो की अगर हम बात करे तो यहाँ के लोग वैदिक परंपरा में विश्वाश रखते है। यहाँ के लोगो का ऐसा मानना है, की वैदिक परंपरा ही हमारे लिए सब कुछ है। आर्य समाज के लोगो का यह मानना है, की ईश्वर हमारे वायु में स्थित है। सभी लोगो को अपने कर्म के हिसाब से ही फल मिलता है। यह फल ईश्वर के द्वारा ही दिया जाता है। सरल भाषा में यदि आर्य समाज को समझे तो आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठ और प्रगतिशील माना जाता है।

आर्य समाज की स्थापना किसने की (arya samaj ki sthapna kisne ki)

आर्य समाज की स्थापना दयानन्द सरस्वती ने की थी। यह स्थापना सन 10 अप्रेल 1975 में मुंबई में की गयी थी।

स्वामी दयानन्द सरस्वती

स्वामी दयानन्द सरस्वती को महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती कहा जाता है। ये आधुनिक भारत के महान चिंतक, समाज सुधारक, और आर्य समाज के संस्थापक माना जाता है। आर्य समाज के संस्थापक होने के साथ – साथ दयानद सरस्वती शुभ चिंतक भी माने जाते है। ऐसा बताया जाता है, की स्वामी दयानन्द सरस्वती एक सन्यासी थे। स्वामी दयानन्द सरस्वती के बारे में कुछ जरूरी जानकारी इस प्रकार है :-

  • स्वामी दयानन्द सरस्वती के पिता का नाम करशनजी लालजी तिवारी था।
  • स्वामी दयानन्द सरस्वती की माता का नाम यशोदाबाई था।
  • स्वामी विरजानन्द को स्वामी दयानन्द सरस्वती के गुरु माना जाता है।
  • टंकारा में स्वामी दयानन्द सरस्वती का जन्म हुआ था।
  • 30 अक्टूबर 1883 में स्वामी दयानन्द सरस्वती की मृत्यु हुई।

आर्य समाज के नियम

दोस्तों हमने आपको ऊपर आर्य समाज की स्थापना किसने की (arya samaj ki sthapna kisne ki) के बारे मइ जानकारी बताई है, चलिए अब हम आपको आर्य समाज के नियम के बारे में बताते है। आर्य समाज में कुछ इस प्रकार के नियम होते थे :-

  • आर्य समाज में सारे काम धर्म के अनुसार अर्थात सत्य और असत्य को विचार करके करते थे।
  • इस समाज का मुख्य उदयेश्य संसार का उपक्रम करना होता था साथ ही यहाँ पर शारीरिक और आध्यातिमक की उन्नति करना होता था।
  • वेध को पढ़ना और पढ़ना सभी आर्य धर्मो का धरम होता है।
  • ईश्वर निराकार सच्चितानंद स्वरूपाय सर्वव्यापक दयालु अजर अमर सृष्टिकर्ता है।
  • सभी की उन्नति में अपनी उन्नति समझना चाहिए ऐसा आर्य समाज का नियम होता था।

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Conclusion

हमने आपको आज के इस ब्लॉग आर्य समाज की स्थापना किसने की (arya samaj ki sthapna kisne ki) में आर्य समाज के बारे में सारी जानकारी बताई है। यदि हमारे ब्लॉग को आपने अच्छे से पढ़ा होगा। तो आपको हमारे इस ब्लॉग आर्य समाज की स्थापना किसने की (arya samaj ki sthapna kisne ki) में आर्य समाज के बारे में, आर्य समाज की स्थापना किसने की, आर्य समाज के नियमो के बारे में जानकारी देने के साथ ही आपको हमने स्वामी दयानद सरस्वती के बारे में भी जानकारी बताई है।

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