दोस्तों, आजके इस आर्टिकल में रस के बारे में पढ़ने जा रहे हैं, इसमें हम आपको रस के कितने अंग होते हैं ( Ras ke kitne ang hote hain ), ras in hindi, रस के स्थायी भाव क्या है ( veer ras, shingar ras ka sthayi bhav kya hai) आदि के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिससे आपकी हिंदी ग्रामर अच्छी हो सके और आप अपनी परीक्षा में भी ज्यादा से ज्यादा अंक ला सकें।
दोस्तों, आपने हिंदी व्याकरण में रसों के बारे में कभी न कभी तो जरूर सुना होगा, अगर सुना होगा तो आपको ये भी पता ही होगा की रसों के स्थायी भाव भी होते हैं और हमारी परीक्षाओं में अक्सर इनको पूछा जाता है। इस आर्टिकल में हमने रस के कितने अंग होते हैं ( Ras ke kitne ang hote hain ), और रस से जुडी अन्य जानकारियां जैसे रस की परिभाषा, ras in hindi के बारे में पढ़ने वाले हैं।
रस के अंगों/ भेदों के बारे में जानने से पहले हम रस की परिभाषा को जानते हैं:
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रस की परिभाषा ( Ras in Hindi )
किसी भी काव्य को पढ़ने, सुनने या देखने से जो आनंद की अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं। रसों की संख्या 11 है।
वात्सल्य और भक्ति रस को मिलकर रस की संख्या 11 हैं। इससे पहले आचार्य भारत ने 8 रस माने थे और विश्वनाथ जी के अनुसार रसों की संख्या 9 मानी गयी थी।
रस की अन्य परिभाषा ( Ras in Hindi ):
आचार्य भरतमुनि के अनुसार विभाव, अनुभाव और संचारी भावों के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है।
रस के कितने अंग होते हैं ( Ras ke kitne ang hote hain )
रस के 4 अंग होते हैं जो इस प्रकार है: स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव और संचारी भाव ।
रस के अंग:
- स्थायी भाव
- विभाव
- अनुभाव
- संचारी भाव
1. स्थायी भाव
मनुष्य के हृदय में कुछ भाव स्थायी रूप से विद्यमान रहते हैं, जिन्हे स्थायी भाव कहा जाता है। रस, की परिपक्व अवस्था ही स्थायी भाव होते हैं, इनकी संख्या 9 मानी गयी है:
क्रमांक | रस | स्थायी भाव |
1. | श्रृंगार रस | रति/प्रेम |
2. | हास्य रस | हास (हँसी) |
3. | करुण रस | शोक |
4. | वीर रस | उत्साह |
5. | रौद्र रस | क्रोध |
6. | वीभत्स रस | जुगुप्सा |
7. | भयानक रस | भय |
8. | शांत रस | निर्वेद |
9. | अद्भुत रस | विस्मय |
2. विभाव
स्थायी भाव को जाग्रत करने वाली सामग्री को ही विभाव कहते हैं। विभाव के 3 अंग/ भेद होते हैं:
- आलम्बन
- उद्दीपन
- आश्रय
3. अनुभाव
मन में निहित भावों को व्यक्त करने वाले शारीरिक विकारों को ही अनुभव कहते हैं।
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4. संचारी भाव
मनुष्य के मन में कुछ समय तक चलने वाले भावों को संचारी भाव कहते हैं, ये अल्पकाल के लिए होते हैं। इनकी संख्या 33 है।
रस के कितने भेद होते हैं ( Ras ke kitne bhed hote hain)
रस के कुल 11 भेद होते हैं जो इस प्रकार है:
- श्रृंगार रस
- हास्य रस
- अद्भुत रस
- शांत रस
- भयानक रस
- वीभत्स रस
- करुण रस
- रौद्र रस
- वीर रस
- भक्ति रस
- वात्सल्य रस
रस के बारे में अन्य पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: वीर रस का स्थायी भाव क्या है ( veer ras ka sthayi bhav kya hai )
उत्तर: वीर रस का स्थायी भाव उत्साह है।
प्रश्न: रस के कितने प्रकार के होते हैं ( ras kitne prakar ke hote hain )
उत्तर: रस 11 प्रकार के होते हैं।
प्रश्न: संचारी भाव की संख्या कितनी है ( sanchari bhav ki sankhya kitni hai )
उत्तर: संचारी भाव की संख्या 33 है।
प्रश्न: श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है ( shringar ras ka sthayi bhav kya hai )
उत्तर: श्रृंगार रस का स्थायी भाव रति या प्रेम है।
तो दोस्तों, आशा करता हूँ की आपको हमारा ये आर्टिकल रस के कितने अंग होते हैं ( Ras ke kitne ang hote hain ) पसंद आया होगा और इससे आपको रस के बारे में कुछ नया जानने को मिला होगा। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें ताकि रस की परिभाषा और रस के कितने अंग होते हैं ( Ras ke kitne ang hote hain ) इस बारे में आपके दोस्तों को भी पता चले।
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धन्यवाद