नमस्कार आज हम बात करने वाले है, दास प्रथा के बारे में आपको हम आज दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) के बारे में जानकारी देने वाले है। इस ब्लॉग में हम आपको दास प्रथा से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी देने वाले है, जैसे – दास प्रथा का प्रारंभ कब हुआ, दास प्रथा में क्या होती है, किसके लिए दास प्रथा बनाई गयी थी, ऐसे ही बहुत सारी जानकारी आपको इस ब्लॉग दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) में हम देने वाले है।
दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) के बारे में बहुत सारे लोगो को जानकारी नहीं होती है, इसलिए आज हम आपको दास प्रथा के बारे में समस्त जानकारी इस ब्लॉग दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) में देने वाले है, यदि आप चाहते है, की आपको दास प्रथा के बारे में हर वह जानकारी जो आज के समय में बहुत ही कम लोगो को पता है, आपको पता चले तो आप हमारे साथ में बने रहिये। चलिए अब हम बिना किसी देरी के ब्लॉग दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) को शुरू करते है।
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दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai)
दास प्रथा की शुरुआत सदियों पहले से ही हो चुकी थी। मानव समाज में जितनी भी संस्थाओ का अस्तित्व रहा है, उनमे से सबसे महत्वपुर्ण दास प्रथा है। दास प्रथा को दासता की प्रथा भी कहा जाता है। दास प्रथा के अंतर्गत मनुष्य का मनुष्य के हाथो ही उत्पीड़न होता था। आपको हम बता दे की दास प्रथा भारत के आलावा बहुत सारे देशो में भी रही है। भारत के प्राचीन ग्रन्थ जिसका नाम ”मनुस्मृति” है, इसमें भी दास प्रथा का उल्लेख किया गया है।
दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) को यदि हम सरल भाषा में समझे तो इसमें लोगो का शोषण होता था, मनुष्य के द्वारा मनुष्य का ही उत्पीड़न दास प्रथा के अंतर्गत किया जाता था। इस प्रथा के अंतर्गत लोगो का शोषण करना और उन पर किसी न किसी तरह से अत्याचार करना होता था। भारत में दास प्रथा के बारे में मेगस्थनीज ने क्या लिखा है, इसके बारे में जान लेते है।
”भारत वर्ष में दास प्रथा नहीं है” यह शब्द चौथी शताब्दी के समय मेगस्थनीज के हाथो से लिखा गया था। अब आप सोच रहे होंगे की भारत में दास प्रथा की वृद्धि किस प्रकार हुई, तो आपको हम बता दे की भारत में दास प्रथा की वृद्धि मुस्लिमो के शासन काल में हुई थी। दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) में यदि हम जानकारों की माने तो ऐसा बताया जाता है, की चीन में 18 वी और 12 वी शताब्दी के पूर्व ”गुलाबी प्रथा” का जिक्र किया जाता है। दास प्रथा के बारे में कुछ जरूरी जानकारी इस प्रकार है :-
- दास प्रथा को संस्थात्मक शोषण की पराकाष्ठा भी कहा जा सकता है।
- प्राचीन भारत में अशोक के अभिलेखों में दास प्रथा प्रचलित होने के संकेत उपलब्ध है।
- दासता की तरह अस्पृश्यता वर्जित की गयी है।
- वर्ष 1617 में दास प्रथा का प्रारम्भ किया गया था।
- दासता की धरना का समर्थक अरस्तु को माना जाता है अरस्तु ने अपनी पुस्तक में दास प्रथा का समर्थक किया है।
- 1562 में अकबर के द्वारा दास प्रथा का अंत किया गया था।
- 1843 में भारत में दास प्रथा को अवैध घोषित किया गया था।
- नीदरलैंड ने 1814 में दास प्रथा पर रोक लगाई थी।
- क्यूबा में 1846 में दास प्रथा को समाप्त किया गया था।
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दोस्तों आपको हमारे इस ब्लॉग दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) में दास प्रथा के बारे में सारी जरूरी जानकारी जैसे – दास प्रथा की शुरुआत कब की गयी, दास प्रथा में क्या होता था, दास प्रथा का अंता कब किया गया आदि। जानकारी आपको हमारे इस ब्लॉग दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) में मिल गयी होगी, यदि आपको जानकारी अच्छी लगी तो, आप हमें Comment करे। साथ ही अपने दोस्तों को आप हमारा यह ब्लॉग दास प्रथा क्या है (das pratha kya hai) Whatsapp, Facebook, पर Share करे। जिससे आपके दोस्तों को भी दास प्रथा के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।