भाषा के कितने रूप होते हैं | Bhasha ke kitne roop hote hain

हिंदी व्याकरण में अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्न भाषा के कितने रूप होते हैं ( Bhasha ke kitne roop hote hain ) होता है, इसलिए आजके इस ब्लॉग में हम आपको ये बताएंगे की भाषा किसे कहते हैं ( Bhasha kise kahate hain ) और भाषा के कितने रूप होते हैं ( Bhasha ke kitne roop hote hain ) के बारे में बताएंगे ताकि आप भाषा के बारे में अच्छे से जान सकें।

Bhasha ke kitne roop hote hain

सबसे पहले हम भाषा की परिभाषा को जान लेते हैं और सबसे पहले ये जानते हैं की भाषा किसे कहते हैं ( bhasha kise kahate hain ):

भाषा किसे कहते हैं ( Bhasha kise kahate hain )

भाषा किसे कहते हैं: भाषा मनुष्य के वह आतंरिक अभिव्यक्ति होती है, जिससे उनके मन में आने वाले विचारों और भावों को सुव्यवस्थित तरीके से बोलकर, लिखकर या संकेत के रूप में व्यक्त किया जाता है।

भाषा के कितने रूप होते हैं इसके बारे में हमने नीचे बताया है:

भाषा के कितने रूप होते हैं ( Bhasha ke kitne roop hote hain )

भाषा के मुख्यतः 3 रूप होते है मौखिक भाषा, लिखित भाषा और सांकेतिक भाषा । सामान्य तौर पर भाषा के केवल 2 रूप होते हैं मौखिक भाषा और लिखित भाषा।

1. मौखिक भाषा

मौखिक भाषा में कोई भी व्यक्ति भाषा को अपने मुख से बोलकर समझाता है।

2. लिखित भाषा

लिखित भाषा में कोई भी व्यक्ति अपने शब्दों को लिखित रूप से समझाने का प्रयास करता है। जैसे पत्र लिखना।

3. सांकेतिक भाषा

सांकेतिक भाषा में कोई भी व्यक्ति अपने विचारों को सामने वाले को संकेत के रूप में समझने का प्रयास करता है।

नोट- इस पोस्ट में पूरी जानकारी नहीं लिखी गयी है अगर आप भाषा किसे कहते हैं ( bhasha kise kahate hain ) और भाषा के कितने रूप होते हैं ( Bhasha ke kitne roop hote hain ) इस विषय में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो कृपया निचे दी गयी लिंक से पढ़ें।

पूरी जानकारी यहां से पढ़ें: भाषा किसे कहते हैं

भाषा के कितने रूप होते हैं (Bhasha ke kitne roop hote hain) इस विषय पर लिखा गया हमारे इस आर्टिकल से आपको भाषा किसे कहते हैं और उसके रूप के बारे में जानने को मिला, अगर आप पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो रेड लाइन वाली लिंक को क्लिक करके पूरी तरह से अच्छे से जानकारी ले सकते हैं।

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