नमस्कार आज हम बात करने वाले है, हरित क्रांति के बारे में हम आपको आज हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye) के बारे में जानकारी देने वाले है। हरित क्रांति के बारे में सारी जरूरी जानकारी जैसे – हरित क्रांति क्या है, हरित क्रांति के प्रभाव के बारे में जानकारी देने के साथ ही कुछ जरूरी जानकारी हरित क्रांति के बारे में आपको हम इस ब्लॉग हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiyef) में देने वाले है।
हरित क्रांति के बारे में बहुत बार परीक्षाओ में पूछा जाता है, Student को सही जानकारी नहीं होने के कारण हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye) के बारे में Student सही जानकारी नहीं दे पाते है, यदि आप चाहते है, की आपको हरित क्रांति के बारे में जानकारी प्राप्त हो, तो आप हमारे ब्लॉग हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye) को पूरा पढ़े। जिससे आपको इस ब्लॉग में दी जाने वाली सारी जानकारी प्राप्त हो सके।
Table of Contents
हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye)
कृषि में आधुनिक विधियों का प्रयोग करके प्रति एकड़ फसल की उपज को बढ़ाना होता है। भारत में हरित क्रांति का शुभारम्भ 1960 में हुआ था। हरित क्रांति दो शब्दों के योग से मिलकर बना हुआ है, जिसमे पहला शब्द हरित होता है, जिसका अर्थ हरे रंग से होता है। जबकि यदि हम क्रांति शब्द की बात करे तो क्रांति शब्द का अर्थ किन्ही तथ्यों में परिवर्तन से होता है। इस प्रकार से हरित क्रांति को हम कृषि क्षेत्र में तीव्र गति के साथ परिवर्तन करना कहते है। हरित क्रांति के बारे में कुछ जरूरी जानकारी इस प्रकार है :-
- हरित क्रांति के जनक प्रो नॉर्मन बोरलॉग थे।
- भारत में हरित क्रांति का आरम्भ 1960 के दशक में हुआ था।
- डॉ स्वामीनाथन भारत के हरित क्रांति के जनक है।
- भारत में लगभग 1600 हेक्टेयर भूमि कृषि के लिए उपयोग में लायी जाती है।
- हरित क्रांति शब्द का प्रयोग 1950 के समय से कृषि क्षेत्र के लिए किया गया था।
- भारत देश में हरित क्रांति को तीन भागो में बांटा गया है, 1 आर्थिक परिणाम 2 सामाजिक परिणाम 3 राजनैतिक परिणाम
हरित क्रांति के प्रभाव
हमने आपको ऊपर हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye) के बारे में जानकारी बताई है, अब हम आपको हरित क्रांति के प्रभाव के बारे में जानकारी देने वाले है। हरित क्रांति के प्रभाव को दो भागो में बांटा गया है, जिनके बारे में हमने निचे बताया हुआ है :-
- हरित क्रांति के आर्थिक प्रभाव।
- हरित क्रांति के सामाजिक प्रभाव।
हरित क्रांति के आर्थिक प्रभाव
हरित क्रांति की सहायता से देश के खाद्यान उत्पादन और खाद्यान गहनता दोनों में ही तीव्र गति हुई है। और आज हम भारत देश की बात करे तो हमारा भारत देश अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है, हरित क्रांति के आर्थिक प्रभाव को दो श्रेणियों में विभक्त किया गया है :-
- हरित क्रांति के परोक्ष आर्थिक प्रभाव।
- हरित क्रांति के अपरोक्ष आर्थिक प्रभाव।
हरित क्रांति के सामाजिक प्रभाव
किसानो की आय बढ़ने से उसके सामाजिक एवं शैक्षिक स्तर का विकास हुआ है। आज भारत देश में हरित क्रांति के कारण लोगो की आय में वृद्धि हुई है। हरित क्रांति के सामाजिक प्रभाव को दो भागो में बांटा गया है, जो इस प्रकार है :-
- हरित क्रांति के धनात्मक सामाजिक प्रभाव।
- हरित क्रांति के ऋणात्मक सामाजिक प्रभाव।
यह भी पढ़े :-
Conclusion
हमने आपको आज हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye) के इस ब्लॉग में सारी जानकारी हरित क्रांति के बारे में बताई है, यदि आपने हमारे ब्लॉग को अच्छे से पढ़ा होगा, तो आपको हरित क्रांति के बारे में सारी जानकारी जैसे – हरित क्रांति के प्रभाव के बारे में हरित क्रांति के जनक के बारे में, हरित क्रांति के शुभारम्भ के बारे में पूरी जानकारी इस ब्लॉग हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye) के माध्यम से मिल गयी होगी।
आशा करता हूँ, की आपको हमारा यह ब्लॉग हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye) पढ़कर अच्छा लगा होगा, यदि आपको हमारा यह ब्लॉग अच्छा लगा हो, तो आप हमें Comment करे। साथ ही अपने दोस्तों को आप हमारा यह ब्लॉग हरित क्रांति का अर्थ बताइए (harit kranti ka arth bataiye) Whatsapp, Facebook पर Share करे।