नमस्कार आज हम बात करने वाले है, संधि के बारे में आपको हम आज संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) के बारे में जानकारी देने वाले है। साथ ही कुछ जरूरी जानकारी संधि के बारे में देने वाले है, जैसे – संधि की परिभाषा के बारे में, संधि के बारे में, और भी बहुत सारी जानकारी आपको हम संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) के इस ब्लॉग में हम देने वाले है, यदि आप चाहते है, की आपको इस ब्लॉग में दी जाने वाली सारी जानकारी के बारे में पता चले तो आप हमारे साथ में बने रहिये।
संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) का यह प्रश्न परीक्षाओ में बहुत बार पूछा जाता है, Student को संधि के बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण परीक्षा में संधि के बारे में सही जानकारी नहीं लिख पाते है, यदि आप चाहते है, की आपको संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) के इस ब्लॉग में दी जाने वाली सारी जरूरी जानकारी के बारे में पता चले तो आप हमारे ब्लॉग संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) को अंत तक जरूर पढ़े।
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संधि की परिभाषा
संधि, सम + धि दो शब्दों के मेल से बनी है, यदि हम संधि को सरल भाषा में समझे तो यह कहा जा सकता है, की दो शब्दों के विकार या परिवर्तन को संधि कहा जाता है। जैसे – सन + दिप = संदीप, प्रति + एक = प्रत्येक आदि। संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) के बारे में जानने से पहले हमें संधि विच्छेद के बारे में जानना चाहिए। संधि किये गए शब्दों को अलग – अलग करके लिखना ही संधि विच्छेद कहलाता है।
संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain)
संधि के 3 (तीन) भेद होते हैं। हिंदी व्याकरण में संधि के तीन भेद होते है, जिनके बारे में हमने निचे बताया हुआ है :-
- स्वर संधि।
- व्यंजन संधि।
- विसर्ग संधि।
स्वर संधि
दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को स्वर संधि कहा जाता है। इसका सबसे अच्छा उदहारण – विद्या + आयल = विद्यालय होता है। स्वर संधि के पांच भेद होते है, जिनके बारे में हमने निचे पॉइंट के माध्यम से बताया हुआ है :-
- दीर्घ संधि।
- गुण संधि।
- यण संधि।
- वृद्धि संधि।
- अयादि संधि।
दीर्घ संधि
दीर्घ संधि में दो शब्दों की संधि करते समय जैसे – (अ, आ) के साथ में (अ, आ) हो, तो, ”आ” बनता है, ठीक इसी प्रकार से (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो, तो, ”ई” बनता है, इसको दीर्घ संधि कहा जाता है। दीर्घ संधि के कुछ उदाहरण इस प्रकार है :-
- गिरी + ईश = गिरीश।
- पुस्तक + आलय = पुस्तकालय।
- विद्या + अर्थी = विद्यार्थी।
गुण संधि
जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ”ए” बनता है, ठीक इसकी प्रकार से (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ”ओ” बनता है, तो यह गुण संधि कहलाती है। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार है :-
- ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश।
- भारत + इंदु = भारतेन्दु।
यण संधि
यान संधि कुछ इस प्रकार से होती है, जब संधि करते समय इ, ई के साथ में कोई अन्य स्वर हो, तो ”य” बन जाता है। ठीक इसी प्रकार से जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो, तो व् बन जाता है, तो यह यण संधि कहलाती है। इसका कुछ उदाहरण इस प्रकार है :-
- इति + आदि = इत्यादि।
- सु + आगत = स्वागत।
वृद्धि संधि
जब संधि करते समय अ, आ के साथ ए, ऐ हो, तो ऐ बनता है, ठीक इसी प्रकार से जब अ, आ के साथ में ओ, औ हो, तो औ बनता है, तो यह वृद्धि संधि कहलाती है। इसका कुछ उदाहरण इस प्रकार है :-
- सदा + एव = सदैव।
अयादि संधि
अयादि संदी के बारे में थोड़ा सा अलग है, तो चलिए जानते है, अयादि संधि के बारे में, जब संधि करते समय ए, ऐ, ओ, औ, के साथ में कोई अन्य स्वर होता है, तो ”ए” का (अय) ”ऐ” का (आय) ठीक इसी प्रकार से ”ओ” का (अव) और ”औ” का (आव) बन जाता है, तो इस प्रकार की संधि को अयादि संधि कहा जाता है। इसका कुछ उदाहरण इस प्रकार है :-
- ने + अन = नयन।
- पो + इत्र = पवित्र।
व्यंजन संधि
संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) में हम दूसरे नंबर की संधि व्यंजन संधि आती है, व्यंजन को व्यंजन के साथ में मिलाने पर जो संधि आती है, उसको हम व्यंजन संधि कहते है, जैसे – क + ग = ग्ग व्यंजन संधि क कुछ उदाहरण इस प्रकार है :-
- सत + जन = सज्जन।
- आ + छादन = आच्छादन।
विसर्ग संधि
विसर्ग संधि का स्वर या व्यंजन के साथ में मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, तो उस संधि को विसर्ग संधि कहा जाता है। विसर्ग संधि के उदाहरण इस प्रकार है :-
- अंत + करण = अन्तकरण।
यह भी पढ़े :-
- समास के कितने भेद होते हैं ?
- भाषा के कितने रूप होते हैं ?
- संज्ञा किसे कहते हैं ?
- व्याकरण किसे कहते हैं ?
Conclusion
हमने आपको आज के इस ब्लॉग संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) के बारे में जानकारी बताई है, संधि के बारे में सारी जरूरी जानकारी जैसे – संधि की परिभाषा के बारे में, दीर्घ संधि, गुण संधि, अयादि संधि आदि जानकारी इस ब्लॉग संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) में बताई है, यदि आपने हमारे ब्लॉग को अच्छे से पढ़ा होगा, तो आपको इस ब्लॉग संधि के कितने भेद होते हैं (sandhi ke kitne bhed hote hain) में दी जाने वाली सारी जानकारी के बारे में पता चल गया होगा।
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