नमस्कार आज हम बात करने वाले है, क्रिया के बारे में आपको इस ब्लॉग में क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) के बारे में जानकारी देने वाले है। साथ ही क्रिया के बारे में हर जरूरी जानकारी जैसे – क्रिया के बारे में, क्रिया के भेद और उसके उदाहरण के बारे में जानकारी देने के साथ ही कुछ और भी जरूरी जानकारी क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) में आपको हम देने वाले है।
क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) का यह हिंदी ग्रामर का प्रश्न बहुत बार प्रतियोगी परीक्षा में पूछा जा चूका है, यदि आपको क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) में क्रिया के बारे में सारी जरूरी जानकारी चाहिए, तो आप हमारे ब्लॉग क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) को अंत तक जरूर पढ़े। जिससे आपको इस ब्लॉग में दी जाने वाली सारी जानकारी के बारे में पता चल सके।
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क्रिया के बारे में
जिन शब्दों में किसी कार्य को करने का या होने का बोध होता है, तो उसे हम क्रिया कहते है, भूतकाल, वर्तमानकाल और भविष्यकाल इन तीनो ही प्रकारो को क्रिया कहा जाता है। क्रिया के कुछ उदाहरण को हम इस तरह से देख सकते है :-
- दिनेश खा चूका है।
- मनीष खा रहा है।
- रवि खायेगा।
क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain)
क्रिया के भेद अलग – अलग होते है, यदि हम कर्म के आधार पर क्रिया को देखे तो, यहाँ पर क्रिया 2 प्रकार की होती है, जबकि रचना के आधार क्रिया को देखे तो, यहाँ पर क्रिया 5 प्रकार की होती है। क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) में पहले हम कर्म के आधार पर क्रिया के भेद को जान लेते है।
कर्म के आधार पर क्रिया :-
- अकर्मक क्रिया।
- सकर्मक क्रिया।
अकर्मक क्रिया
जिस क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ता है, उस क्रिया को हम अकर्मक क्रिया कहते है। अकर्मक क्रिया में कर्म का आभाव होता है। इसके उदाहरण कुछ इस तरह से होते है :-
- दिनेश सोता है।
- महेश बैठता है।
- मनीष दौड़ता है।
- वह मर चूका है।
सकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया उस क्रिया को कहा जाता है, जिसमे कर्म का होना जरूरी होता है, इस क्रिया का असर कर्ता पर न होते हुए कर्म पर पड़ता है। वह सकर्मक क्रिया होती है। सकर्मक क्रिया के उदाहरण कुछ इस प्रकार है :-
- महेश फुटबॉल खेलता है।
- राम पैसे लेता है।
- नेहा खाना पकाती है।
क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) में रचना के आधार पर क्रिया पांच प्रकार की होती है।
रचना के आधार पर क्रिया :-
- सामान्य क्रिया
- संयुक्त क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- नामधातु क्रिया
- पूर्वकालीन क्रिया
सामान्य क्रिया
सामान्य क्रिया में किसी वाक्य में सिर्फ एक ही क्रिया का बोध होता है, इस क्रिया के अंतर्गत कल विशेष का पता नहीं होता है। सामान्य क्रिया का उदाहरण कुछ इस प्रकार है :-
- रोहन पढ़ो।
- दिनेश तुम चलो।
- दिलीप तुम खाओ।
संयुक्त क्रिया
संयुक्त क्रिया, उस क्रिया को कहा जाता है, जो किसी दो क्रियाओ के मिलने से बनती है। इसको यदि हम सरल शब्दों में समझे तो यह कहा जा सकता है, की जब दो क्रिया मिलकर किसी तीसरी क्रिया का निर्माण करती है, तो वह क्रिया संयुक्त क्रिया कहलाती है। संयुक्त क्रिया का उदहारण इस प्रकार है :-
- वे लोग चले गए।
प्रेरणार्थक क्रिया
प्रेरणार्थक क्रिया उस क्रिया को कहा जाता है, जिसमे कर्ता खुद कुछ न करते हुए किसी दूसरे से काम करवाता है, तो ऐसी क्रिया को हम प्रेरणात्मक क्रिया कहते है। प्रेरणात्मक क्रिया के उदाहरण इस प्रकार है :-
- राधा, रेणुका से खाना बनवा रही है।
- दिलीप, सुभाष से किताब पढ़ने को कहता है।
नामधातु क्रिया
नामधातु क्रिया उस क्रिया को कहा जाता है, जो किसी धातु से न मिलकर किसी संज्ञा या किसी सर्वनाम से मिलकर बनती है। नामधातु क्रिया के कुछ उदाहरण को हमने निचे बताया हुआ है :-
- दुःख से दुखाना।
- पानी से पनियाना।
पूर्वकालीन क्रिया
पूर्वकालीन क्रिया, जब कर्ता किसी एक कार्य को समाप्त करके किसी दूसरे कार्य को करने में तुरंत ही लग जाता है, तो ऐसी क्रिया को हम पूर्वकालीन क्रिया कहते है। पूर्वकालीन क्रिया के उदाहरण को हम कुछ इस तरह से समझ सकते है :-
- चोर सामान चुराकर भाग गया।
- पुजारी ने नहाकर पूजा की।
- लालसिंह ने नहाकर खाना खाया।
- राकेश ने नहाकर खाना खाया।
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Conclusion
हमने आपको इस ब्लॉग क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) में क्रिया के बारे में सारी जरूरी जानकारी बताई है, जैसे – क्रिया की परिभाषा के बारे में, कर्म के आधार पर क्रिया के कितने भेद होते है, रचना के आधार पर क्रिया के कितने भेद होते है, और भी बहुत सारी जानकारी इस ब्लॉग क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) में आपको बताई है, यदि आपने हमारे ब्लॉग को अच्छे से पढ़ा होगा, तो आपक इस ब्लॉग क्रिया के कितने भेद होते हैं (kriya ke kitne bhed hote hain) में दी जाने वाली सारी जानकारी के बारे में पता चल गया होगा।
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