सूरदास के गुरु कौन थे | surdas ke guru kaun the

सूरदास के गुरु को कृष्ण भक्ति के प्रणेता माने जाते है। आज हम सूरदास के गुरु कौन थे (surdas ke guru kaun the) के बारे में जानकारी देने वाले है। साथ ही आपको हम आज सूरदास के गुरु की भक्ति के बारे में जानकारी देने के साथ ही आपको हम सूरदास के गुरु के माता – पिता के बारे में जानकारी देने के साथ ही आपक यहां और भी बहुत सारी जानकारी देने वाले है।

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सूरदास के बारे में

सूरदास का जन्म 1478 में रुनकता गांव में हुआ था। सूरदास के पिता का नाम रामदास जी बैरागी था। सूरदास की माता का नाम जमुनादास था। सूरदास ब्राम्हण परिवार के थे। जानकारों के अनुसार बताया जाता है, की सूरदास बहुत ही विद्वान् थे। दिल्ली के पास सिहि नामक स्थान पर इनका निवास स्थान था। सूरदास की पत्नी थी। सूरदास के बारे में जरूरी जानकारी इस प्रकार है :-

  • सूरदास की मृत्यु पारसोली ग्राम के दिवंगत में हुई थी।
  • सूरदास के 16 ग्रंथ है।
  • सूरदास के द्वारा लिखी गयी साहित्यिक लहरी इनकी साहित्यिक रचना है।
  • सूरदास एक कवी थे।
  • सूरदास को हिंदी के श्रेष्ठ कवी माना जाता है।

सूरदास के गुरु कौन थे (surdas ke guru kaun the)

सूरदास के गुरु का नाम वल्ल्भाचार्य था।

सूरदास के ग्रन्थ

हमने आपको ऊपर सूरदास के गुरु कौन थे (surdas ke guru kaun the) के बारे में जानकारी बताई है। चलिए अब हम आपको सूरदास जी के द्वारा लिखे गए ग्रंथो के बारे में बताते है। हमने निचे सूरदास के ग्रन्थ के बारे में जानकारी बताई हुई है :-

  • सूरसागर
  • सूरसारावली
  • व्याहलो
  • सहित्यलहरी
  • नल – दमयंती।

सूरदास का चरित्र प्रसंग

सूरदास के चरित्र प्रसंग कुछ इस प्रकार है :-

  • कृष्ण की बाल लीला
  • बरमार गीतसार ।

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Conclusion

हमने आपको आज के इस ब्लॉग सूरदास के गुरु कौन थे (surdas ke guru kaun the) में सूरदास के बारे में सारी जरूरी जानकारी बताई है। सूरदास की ग्रन्थ के बारे में, सूरदास के चरित्र प्रसंग के बारे में, जानकारी देने के साथ ही आपको हमने और भी बहुत सारी जरूरी जानकारी बताई है। यदि आपने हमारे ब्लॉग सूरदास के गुरु कौन थे (surdas ke guru kaun the) को अच्छे से पढ़ा होगा। तो आपको हमारा यह ब्लॉग सूरदास के गुरु कौन थे (surdas ke guru kaun the) के बारे में अच्छे से जानकारी मिल गयी होगी।

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