दोस्तों आज हम बात संथाल विद्रोह का नेता कौन था (santhal vidroh ka neta kaun tha) के बारे में बताने वाले है, आपको हम संथाल विद्रोह से जुडी हर जानकारी इस ब्लॉग में देने वाले है। जैसे – संथाल विद्रोह कोन से वर्ष में हुआ, संथाल विद्रोह का नेतृत्व किसने किया साथ ही और भी बहुत सारी जानकारी आपको इस ब्लॉग के माध्यम से हम देने वाले है। संथाल विद्रोह का नेता कौन था (santhal vidroh ka neta kaun tha) के इस इतिहास के प्रश्न को बहुत बार परीक्षाओ में पूछा जाता है, सही जानकारी नहीं होने के कारण बहुत सारे स्टूडेंट इस प्रश्न को परीक्षा में सही नहीं कर पाते है।
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संथाल विद्रोह के बारे में
संथाल विद्रोह का प्रारम्भ 10 मई 1857 को हुआ था। यदि हम संथाल विद्रोह में किये साथ – साथ कुछ और विद्रोह की बायत करे तो कई सारे विद्रोह हुए जैसे – भारतीय विद्रोह, महान विद्रोह, सिपाही विद्रोह, 1857 विद्रोह, ये प्रमुख है। यहाँ पर हम बात करने वाले है, संथाल विद्रोह के बारे में, संथाल विद्रोह 1955 में हुआ था। संथाल विद्रोह के बारे में ऐसा बताया जाता है, की बंगाल के मुर्शिदाबाद और बिहार के भागलपुर जिलों में कर्मचारियों और अंग्रेजो के अत्याचार पर बिगुल फूंख दिया था।
जब अंग्रेजो ने हिन्दुओ और गरीबो पर अत्याचार किया तो ऐसे समय में अंग्रेजो को सबक सिखाने के लिए यह संथाल विद्रोह का प्रारम्भ किया गया। अंग्रेजो ने हमारे देश के भोले भाले लोगो पर अत्याचार की सिमा को इतना ज्यादा बढ़ा दिया था जिससे हमारे भारत देश के लोगो में हड़कंप मच गयी थी ऐसे समय में संथाल विद्रोह को प्रारम्भ किया गया। संथाल परगना अधिनियम 1949 संथाल परगना को शाशित करता है। संथाल बोली की लिपि ओलचिकी है। एक जरूरी जानकारी यह है, की संथाल की जनजाति संथाली बोली बोलती है।
संथाल विद्रोह का नेता कौन था (santhal vidroh ka neta kaun tha)
संथाल विद्रोह के नेता कान्हू, सिंधु, चाँद और भैरव थे, इन्हीं के नेतृत्व में संथाल विद्रोह हुआ था। वहीँ अगर हम इसके सन की बात करे तो यह विद्रोह 1955 में हुआ था। संथाल विद्रोह के नेता में सिंधु और भानु प्रमुख थे। 1855 में अंग्रेजो ने संथाल क्षेत्र को पृथक नॉन रेगुलेशन जिला घोषित किया था। तभी से इसका नाम संथाल परगना रखा गया। संथाल परगना के यदि हम लोगो की बात करे तो आपको हम बता दे की यहाँ के लोगो का स्वभाव भोलेपन का था। संथाल विद्रोह का नेता कौन था (santhal vidroh ka neta kaun tha) के बारे में जानने के बाद हम संथाल विद्रोह से सम्बंधित जानकारी जान लेते है :-
- 15 नवम्बर 2000 को संथाल जिले की स्थापना हुई थी।
- संथाल जनजाति के लोग संथाली भाषा बोलते है।
- संथाल के लोगो का निवास स्थान छोटा नागपुर, कटक, हजारीबाग, पलामू आदि है।
- संथाल गांव के मुखिया को मांझी कहा जाता है।
- संथाल विद्रोह अंग्रेजो के लिए प्रथम जनसंग्राम था।
- संथाल के लोग जंगलो को काटकर खेती करने योग्य भूमि बनाया करते थे।
- 30 जून को हूल दिवस मनाया जाता है।
- सिंधु और कान्हू ने 1855-56 में संथाल विद्रोह का नेतृत्व किया था।
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Conclusion
दोस्तों आपको हमने इस ब्लॉग में बताया की संथाल विद्रोह का नेता कौन था (santhal vidroh ka neta kaun tha) साथ ही और भी बहुत सारी जानकारी जैसे – संथाल विद्रोह कब हुआ, संथाल के लोगो के बारे में, उनकी जाती के बारे में, संथाल जिले की स्थापना के बारे में ऐसे ही बहुत सारी जानकारी आपको हमने इस ब्लॉग के माध्यम से देने की कोशिश की है। संथाल विद्रोह का नेता कौन था (santhal vidroh ka neta kaun tha) के इस ब्लॉग को पढ़कर आपको इस ब्लॉग में दी जाने वाली सारी जानकारी पता चल ही गयी होगी।
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